
अयोध्या. अयोध्या राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास जी का लखनऊ के SGPGI अस्पताल में निधन हो गया. सवेरे आठ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. कुछ दिन पहले ही उनकी तबीयत अचानक से बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें लखनऊ के SGPGI में भर्ती कराया गया था. उन्हें स्ट्रोक का अटैक पड़ा था, जिसके बाद उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी.
चार फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एसजीपीजीआई पहुंचकर आचार्य सत्येंद्र दास का कुशलक्षेम जाना था. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को दो फरवरी को पक्षघात (स्ट्रोक) के चलते पहले अयोध्या के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें चिकित्सकों ने एसजीपीजीआई के लिए रेफर किया गया था. एसजीपीजीआई अस्पताल प्रशासन के अनुसार आचार्य सत्येंद्र दास मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों से भी ग्रस्त थे.
आचार्य सत्येंद्र दास राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी थे. वे बचपन से ही अयोध्या में रहे. दास लगभग 33 साल से रामलला मंदिर से जुड़े हुए थे. वे 1992 में बाबरी विध्वंस से पहले से ही इसी मंदिर में पूजा अर्चना करते आए थे. वे राम मंदिर के मुख्य पुजारी थे.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्रदास 1992 में बाबरी विध्वंस से करीब नौ माह पहले से पुजारी के तौर पर रामलला की पूजा करते आए थे. आचार्य सत्येंद्र दास 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री भी हासिल की थी. इसके बाद 1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में व्याकरण विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी मिल गई.
विवादित ढांचा के विध्वंस के बाद पांच मार्च, 1992 को तत्कालीन रिसीवर ने मेरी पुजारी के तौर पर नियुक्ति की. शुरूआती दौर में उन्हें केवल 100 रुपये मासिक पारिश्रमिक मिलता था, लेकिन पिछले कुछ साल पहले से बढ़ोत्तरी होनी शुरू हुई थी. 2023 तक केवल 12 हजार मासिक मानदेय मिल रहा था, लेकिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका वेतन बढ़कर 38500 रुपये हो गया था.