रायपुर. रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने नवधा भक्ति में जिन नौ चीजों के करने से भगवान की प्राप्ति का मार्ग बताया है, उनमें मंत्र जाप भी शामिल हैं. गोस्वामी जी ने लिखा है…
मंत्र जाप मम दृढ़ बिस्वासा, पंचम भजन सो बेद प्रकासा.
यानी पांचवीं विधि के रूप में मंत्र जाप से भगवति की प्राप्ति आपको हो सकती है. इससे साफ है कि मंत्र जाप से हम खुद और अपने आसपास के वातावरण को अपने अनुकूल बना सकते हैं. आज हम आपको आपकी राशि के मुताबिक मंत्र जाप के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको करने से आप अपने आप को पॉजिटिव रख पाएंगे, जब आप की सोच पॉजिटिव होगी, तो आपके साथ जो घटित होगा, वो भी अच्छा होगा.
मेष: ॐ ऐं क्लीं सौः
वृषभ: ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं
मिथुन: ॐ श्रीं सौंः
कर्क: ॐ ऐं क्लीं श्रीं
सिंह: ॐ ह्रीं श्रीं सौः
कन्या: ॐ श्रीं सौंः
तुला: ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं
वृश्चिक: ॐ ऐं क्लीं सौः
धन: ॐ ह्रीं क्लीं सौः
मकर: ॐ ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सौः
कुंभ: ॐ ह्रीं ऐ क्लीं श्रीं
मीन: ॐ ह्रीं क्लीं सौः
इसके अलावा कुछ और मंत्र हैं, जिन्हें कोई जप करके लाभ ले सकता है. इनमें प्रमुख हैं…
ॐ नमो नारायण ॐ नमः शिवाय ॐ तत् सत् ॐ नमो भगवते वासुदेवाय गायत्री मंत्र महामृत्युंजय मंत्र
- मंत्र जपते समय ध्यान रहे कि रीढ़ की हड्डी सीधी रहनी चाहिये, जिससे शरीर में जो ऊर्जा का प्रवाह रहे. वो सही स्थिति में जाए.
- मंत्र को मन में जपने की अपेक्षा बोलकर जपना बेहतर है. इससे अशुद्धि होने की संभावना कम रहेगी. बार-बार बोलेंगे, तो मंत्र आपको याद हो जाएगा. साथ ही शरीर में बोलने से पॉजिटिव ऊर्जा का प्रवाह होगा.
- हम जिस मंत्र का जप कर रहे हैं, उसका अर्थ हमें पता होना चाहिये. ये अच्छी स्थिति होगी.
- सही ढंग से मंत्र जप होता है, तो विशेष प्रकार के कंपन और विभिन्न प्रकार की ध्वनियां पैदा होती हैं, जो हमारे के शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करती हैं.
- सही तरीके से मंत्र जप करेंगे, तो इसका प्रभाव आपके जीवन पर पड़ेगा.
- मुंगेर पीठ के परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती कहते हैं कि मंत्र का जाप हमारे वेलनेस के लिए हैं. इसलिए मन में शुद्धि लेकर मंत्र का जाप करना चाहिये.