प्रयागराज. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान भगदड़ मची है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई है। भगदड़ अफवाह की वजह से हुई, जिससे लोग भगाने लगे और इसी में कुछ महिलाएं नीचे गिर गईं। भगदड़ के बाद कुंभ होने वाले अखाड़ों के स्नान को रोक दिया गया है. कुंभ नोज के इलाके में NSG ने मोर्चा संभाल लिया है. वहीं, प्रयागराज आनेवाले सभी रूटों पर प्रशासन की कड़ी नजर है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पूरी जी महराज ने कहा है कि संगम के इलाके में अधिक भीड़ होने की वजह से स्नान को रोका गया है. अखाड़ों का स्नान रोके जाने से अखाड़ा स्नान मार्ग में सन्नाटा पसरा हुआ है.
भगदड़ के बाद 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम पर पहुंची, जिनके जरिए पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया गया. हताहत लोगों के संगम में बने सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया। भगदड़ के बाद खोया पाया केंद्र पर लोगों की भीड़ बढ़ गई है. माना जा रहा है इस समय प्रयागराज में पांच करोड़ श्रद्धालु मौजूद है. इससे पहले 28 जनवरी को पांच करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था. आज आठ से दस करोड़ लोगों के स्नान की संभावना है.
प्रत्यक्ष दर्शियों ने भगदड़ को लेकर कहा कि अचानक लोगों को रोकने की वजह से ये हुआ है. इनका कहना था कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे थे, उनके वापस जाने का रास्ता नहीं था, जिसकी वजह से हालात बने. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि बैरिकेडिंग टूटने की वजह से ये हालात बने. हालांकि अब स्थिति काबू में है. स्नान हो रहा है.
प्रशासन की पहली प्राथमिकता संगम क्षेत्र में आए लोगों को स्नान करवा कर सुरक्षित वापस भेजने की है. इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने भगदड़ को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की है. हालात की जानकारी ली है. बताया जा रहा है कि कई निर्देश भी प्रधानमंत्री की ओर से दिए गए हैं।