दिल में नफ़रत की न कोई बिमारी रखिए
बोल मीठे हों जुबां पे ना कटारी रखिए
साथ देता है वही और सदा देगा वहीं
नाम दौलत की जरा भी ना खुमारी रखिए

साहित्य सागर मंच रायपुर के द्वारा अपने स्थापना वर्ष पर कल दिनांक 2 फरवरी रविवार को वृन्दावन हॉल रायपुर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। खास दिन बसंत पंचमी होने के कारण यादगार बन गया
और साहित्य के इस समागम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ बीना सिंह रागी के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के आगे दीप प्रज्वलित किया गया। रुनाली चक्रवर्ती के द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा उद्देश्य और बसंत पंचमी उत्सव की महत्ता पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किये।साथ ही मां सरस्वती के मंत्रों के उच्चारण के द्वारा पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया इसी कड़ी में शुभा शुक्ला निशा के द्वारा सरस्वती वंदना का अपने मधुर कंठ से गायन किया गया।कवि सम्मेलन की शुरुआत में कवि सुरेन्द्र कुमार केेंवट जो निपनिया से पधारे थे उन्होंने छोटे छोटे मुक्तक के माध्यम से ग्रामीण परिवेश प्रकृति सभी को अपने शब्दों में पिरोया। भिलाई के ओमवीर करन ने राजनीति व्यवस्थाओ पर करारा और सटीक प्रहार किया।कवि ब्रजेश मल्लिक ने बेटी के ऊपर बहुत ही भावपूर्ण और भावनात्मक रिश्ते से जोड़ते हुए कहा कि बेटी सिर्फ बेटी नहीं है बरन वह हमारी मां के समान है।किशन केवलानी के द्वारा बचपन के सुनहरे दिनों को कविता के माध्यम से पुनः जीवन्त कर दिया। तिरोड़ी मध्यप्रदेश से पधारे हमारे अतिथि कवि डॉ आशीष नंदा ने शहीद का परिवार किन और किस परिस्थितियों से गुजरता हैं उसका बहुत हृदय स्पर्शी एवं मार्मिक चित्रण किया।डॉ गोपा शर्मा ने पारिवारिक पृष्ठभूमि पर कवियत्री पल्लवी राव ने प्रभावी गजल का पाठ कर खूब तालिया बटोरीं।सुषमा बग्गा के द्वारा बालपन के ऊपर रुनाली चक्रवर्ती के द्वारा प्रेम के समर्पण सोनिया सोनी प्रेम विरह वेदना विद्या भट्ट ने श्रृंगार सुषमा पटेल छंद मनहरण बलजीत कौर सब्र ने श्रृंगार और प्रेम शुभा शुक्ला निशा ने भी श्रृंगार दोहा छंद के माध्यम से श्रोताओं को बांधे रखा।आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और लेखक श्री कमल कर्मोकार थे।जिन्होंने अपने उद्बोधन के दौरान सभी कवि कवयित्रियों के द्वारा किए गए काव्य पाठ की भूरी भूरी प्रशंसा की।और अपने अध्यक्षीय भाषण में जीवन के अनुभवों एवं साहित्य की समाज में उपयोगिता पर भी प्रकाश डाला। साहित्य सागर मंच पर की संरक्षक डॉ बीना सिंह रागी के द्वारा भी कुछ शेर और मतले पढ़े गए । वे राष्ट्रीय स्तर की जानी मानी कवियत्री हैं।उनके देशप्रेम से ओतप्रोत गजल के कुछ शेर से पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।
इसी गंगा जमुना तहजीब से देश भारत महान हमारा है।
और सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा है ।
आज के इस आयोजन के दौरान पैगाम छत्तीसगढ़ एवं यूथ क्रान्ति के सम्पादक नवाब कादिर का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।साथ ही सभी सम्मानीय कवि और कवियत्रीयों को श्री कमल कर्मोकार एवं साहित्य सागर मंच की संरक्षक डॉ बीना सिंह रागी के द्वारा सर्टिफिकेट एवं मोमेंटो के द्वारा सम्मानित किया गया। मंच का सफल संचालन रविन्द्र सिंह दत्ता और संजय कुमार शर्मा के द्वारा किया गया।आभार प्रदर्शन श्री रविन्द्र सिंह दत्ता के द्वारा किया गया।इस सफल आयोजन में शहर के सभी बुद्धिजीवी साहित्य प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और सभी कवि कवयित्रियों का तालिया बजाकर हौसला बढ़ाते रहे।