
भोपाल. अकूत काली कमाई से आरोपी परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के सरेंडर पर आज विशेष कोर्ट फैसला करेगा. इससे पहले सौरभ सोमवार को अपने वकील से साथ कोर्ट में नजर आया था, लेकिन जैसे ही कोर्ट ने मंगलवार की तारीख तय की, गायब हो गया था. सौरभ शर्मा की याचिका पर कोर्ट ने लोकायुक्त से डायरी तलब की है. मंगलवार को लोकायुक्त व अन्य जांच एजेंसियों के तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय इस मामले में सुनवाई करेगा.
इधर, जांच एजेंसियों को सौरभ शर्मा का इंतजार है, क्योंकि उसके सामने आने पर ही 11 करोड़ कैश और 52 किलो सोना बरामदगी का मामला सुलझ सकता है. ऐसा जांच एजेंसियों को भरोसा है. वहीं, सौरभ की गिरफ्तारी की कोशिशें भी हो रही हैं, लेकिन अब तक कामयाबी नहीं मिली है.
19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त की टीम ने सौरभ के घर पर छापेमारी की थी, वहीं, उसके नजदीकी चेतन गौर की कार भी बरामद की थी. कार से आयकर विभाग की टीम ने 11 करोड़ रुपये और 52 किलोग्राम सोना समेत बेनामी प्रापर्टी के कागजात बरामद किए गए थे. 40 दिन से सौरभ अपनी पत्नी दिव्या तिवारी के साथ फरार चल रहा था.
पूरा मामला सामने आने के बाद से मध्य प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर सौरभ को संरक्षण देने के आरोप लगाया है. यदि सौरभ से पूछताछ होती है, तो कई राज सामने आ सकते हैं. सौरभ शर्मा के ठिकानों पर ईडी, आयकर और लोकायुक्त की छापेमारी हो चुकी है. उसी दौरान ये बरामदगी हुई थी. अब उसके 40 दिन बाद सोमवार को पहली बार सामने आया. वह दोपहर करीब 12 बजे अपने वकील राकेश पाराशर के साथ भोपाल जिला न्यायालय में विशेष न्यायाधीश राम प्रसाद मिश्र के न्यायालय में पहुंचा.
आत्मसमर्पण का प्रार्थनापत्र लगाने के बाद गायब हो गया। उसके प्रार्थनापत्र पर सुनवाई के लिए न्यायालय ने मंगलवार को सुबह लोकायुक्त समेत जांच एजेंसियों से केस डायरी तलब की है. इसके साथ ही सौरभ के वकील को भी सुनवाई के लिए पेश होने के निर्देश दिए हैं. इधर, सौरभ के न्यायालय पहुंचने की जानकारी लगते ही लोकायुक्त समेत अन्य एजेंसियां भी सक्रिय हो गईं. 26 दिसंबर को सौरभ शर्मा ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.