
दिल्ली. दिल्ली में BJP सरकार आज बनेगी. PM नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी में कल शाम 4.30 बजे दिल्ली की नई सरकार शपथ लेगी, लेकिन अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, ये तो बीजेपी ने तय कर लिया है, लेकिन उसका नाम सामने नहीं आया है. इस बीच तमाम नामों की चर्चा हो रही है. कभी किसी का नाम सामने आता है, तो किसी को रेस से बाहर बता दिया जाता है. जब से दिल्ली के नतीजे आए हैं, तब से ये यही हो रहा है. कभी किसी बिहारी के सीएम बनने की बात सामने आती है और कहा जाता है कि सबसे आगे नाम मनोज तिवारी का है.
दिल्ली में बिहारी को बैठा कर बिहार साधेंगे, तो कभी किसी जाट को सीएम बनाने की बात सामने आती है और प्रवेश वर्मा का नाम आगे किया जाता है, तो कभी विजेंद्र गुप्ता जो बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं, उनके नाम की चर्चा होती है. अब तक एक दर्जन से ज्यादा नामों की चर्चा दिल्ली में सीएम फेस के लिए हो चुकी है, लेकिन बीजेपी के आलाकमान की पसन्द कौन बना अभी तक ये सामने नहीं आया है.
माना जा रहा है कि जल्दी ही इस सस्पेंस से पर्दा हट जाएगा, क्योंकि कल तो शपथ ग्रहण होना ही है. शपथ ग्रहण समारोह के लिए रामलीला मैदान में तीन मंच बनाए जा रहे हैं. इससे पहले आज विधायक दल की बैठक होगी, जिससे सीएम चुनने की औपचारिकता पूरी होगी.
Delhi CM Suspense: दिल्ली में सीएम के नाम के सस्पेंस से बुधवार (19 फरवरी) को पर्दा उठ जाएगा. बीजेपी विधायक दल की बैठक में तय हो जाएगा कि दिल्ली का ताज किसके सिर पर सजेगा. इस फैसले के साथ ही 20 फरवरी को रामलीला मैदान में दिल्ली के मुख्यमंत्री का भव्य शपथ ग्रहण समारोह भी होगा.
दिल्ली सरकार का शपथ ग्रहण 20 फरवरी को शाम साढ़े चार बजे होगा. रामलीला मैदान में शपथ समारोह के लिये तीन मंच बनाए जा रहे हैं. समारोह में 20 राज्यों के CM, उद्योगपति, सेलिब्रिटी और संत रहेंगे. आम लोगों के लिये मैदान में 20 हजार कुर्सियां लगाई जा रही हैं, लेकिन असल बात जो दिल्ली जानना चाहती है वो ये है कि उसका नया CM कौन होगा? 10 दिन में 15 नाम चर्चा में आ चुके हैं.
दिल्ली चुनाव में बीजेपी 48 सीटें जीत गई, फिर भी सीएम फेस की समस्या से जूझ रही है. CM की रेस में 48 घंटे से कौन से दो चेहरे ट्रेडिंग हैं, ये हम आपको बताने जा रहे हैं. सबसे ज़्यादा चर्चा विजेंद्र गुप्ता और रेखा गुप्ता के नामों की ही है.
विजेंद्र गुप्ता रोहिणी से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. विजेंद्र 2015 और 2020 में AAP की लहर में भी जीते थे. विजेंद्र 2015 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे. विजेंद्र गुप्ता दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं.
रेखा गुप्ता पहली बार शालीमार बाग से विधायक बनी हैं. रेखा 2015 से चुनाव लड़ रहीं है, 2025 में पहली बार जीती हैं. रेखा 2 बार पार्षद रह चुकी हैं, दिल्ली में RSS की सक्रिय सदस्य हैं
रेखा गुप्ता भी DU छात्र संघ की अध्यक्ष और सचिव रह चुकी हैं. विजेंद्र गुप्ता का प्लस प्वाइंट है कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा में पार्टी के सबसे बुरे दौर में उसका झंडा उठाए रखा…रेखा गुप्ता का प्लस ये है कि महिला वोट बड़ी संख्या में बीजेपी की तरफ लौटा है. महिला CM बनाकर बीजेपी इस रुझान को और बढ़ाने पर काम कर सकती है. लेकिन बीजेपी नेतृत्व के पास CM को लेकर अंतिम समय तक चौंकाने की कला रिज़र्व है. इसीलिये फिर से 2 और नाम रेस में लौटकर आए जो कुछ दिन पहले थे, फिर बहुत पीछे हो गए थे. ये नाम हैं राजकुमार भाटिया और अजय महावर.
ये असंभव नहीं कि बीजेपी पहली बार ही चुनाव जीतने वाले को सीधे मुख्यमंत्री बना दे. ऐसा उसने पहले भी कई बार संभव कर दिखाया है. सस्पेंस थ्योरी में दिल्ली के सातों सांसद जरूर पिछड़ते दिख रहे हैं. बीजेपी भूल से भी केजरीवाल एंड टीम के उस नैरेटिव को सही साबित नहीं करना चाहती कि उसे 48 विधायकों में भी कोई CM लायक नहीं मिला.
BJP को CM ढूंढने में वक्त लग रहा है तो आम आदमी पार्टी भी अभी तक तय नहीं कर पाई है कि नेता प्रतिपक्ष आतिशी ही होंगी या और कोई. अंदाज़ा था कि सोमवार को हुई बैठक में नाम फाइनल हो जाएगा, लेकिन बैठक के बाद गोल-मोल जवाब बाहर आया.