
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक फैसला सुनाया है, जिसको लेकर चर्चा हो रही है. एक मामले में पति पर पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप था, जिसमें इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गयी थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने पति को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी 15 साल से ज़्यादा उम्र की है, तो पति की ओर से किया गया कोई भी यौन संबंध बलात्कार नहीं माना जाएगा. चाहे पत्नी की सहमति हो या नहीं. यह फैसला वैवाहिक बलात्कार पर चल रही बहस के बीच आया है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई रुकी हुई है.
मामला जदगलपुर से जुड़ा हुई हैं. इस मामले में पति को 2017 में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा था. पति पर अप्राकृतिक यौन संबंध और गैर इरादतन हत्या का आरोप था. निचली अदालत ने उसे दोषी ठहराया था और दस साल की सजा सुनायी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे राहत दे दी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 15 साल से ज़्यादा उम्र की पत्नी के साथ पति का कोई भी यौन कृत्य बलात्कार नहीं है. पत्नी की सहमति का कोई मतलब नहीं रह जाता. इसलिए IPC की धारा 376 और 377 के तहत मामला नहीं बनता.
यह फैसला उस समय आया है जब सुप्रीम कोर्ट वैवाहिक बलात्कार को अपराध मानने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, लेकिन सुनवाई रुक गई क्योंकि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जो पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे, रिटायर होने वाले थे. अब एक नई पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. केंद्र सरकार का कहना है कि शादी जैसी संस्था की रक्षा ज़रूरी है. वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाने की कोई ज़रूरत नहीं है. इसलिए इस मामले में फैसला लेना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
भारत में मैरिटल रेप के मामले में सजा नहीं मिलती. अब हाई कोर्ट के एक फैसले ने अननेचुरल रिलेशनशिप को भी सजा के दायरे से बाहर कर दिया गया है. अप्राकृतिक यौन संबंध और गैर इरादतन हत्या के आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उसे बरी कर दिया. आरोप है कि 11 दिसंबर 2017 को 40 साल के एक शख्स ने अपनी पत्नी के साथ उसकी मर्जी के खिलाफ अननेचुरल रिलेशन बनाया था. इसके बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी.
मौत से पहले दिए गए बयान में पत्नी ने कहा था कि पति ने उसके साथ जबरदस्ती संबंध बनाए थे. फिर डॉक्टरों ने बताया था कि महिला की मौत की वजह अप्राकृतिक यौन संबंध है. अब कोर्ट ने माना कि अगर पत्नी 15 साल के कम उम्र की नहीं है तो उसके साथ किया गया सेक्सुअल एक्ट बलात्कार नहीं है. किसी भी अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध नहीं माना जा सकता. अब हाईकोर्ट ने इस मामले में पति को सभी आरोपों से बरी कर दिया है.